एमपी नाउ डेस्क
मोहनलाल की मलायलम भाषा में बनी फिल्म की शुरुआत होती है एक थाने के दृश्य से जहां कोई अज्ञात व्यक्ति कॉल करके सुचना देता है कि एक लड़की का किसी ने रेप कर दिया है। सुचना पाते ही पुलिस की टीम वारदात की जगह पहुंच जाती है.....जहां उन्हें पीड़िता और उसका परिवार पीड़ित के साथ हुए क्राइम की जानकारी देते है। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती पीड़िता का अंधापन है जो अपने साथ हुए दुष्कर्म की विभीषका बता तो सकती है लेकिन इस जघन्य अपराध का आरोपी कौन है, उसके बारे में बताना उसके लिए असंभव है।
लेकिन कुछ ही समय बाद वह उस आरोपी का मूर्ति तैयार करती है जो उसकी एक कुशल स्किल का दर्शाती है....... यह मूर्ति उसनें अपने साथ हुए दुष्कर्म के दौरान आरोपी को छुने से उस व्यक्ति का चेहरे का अनुमान लगाने और उस घटना को याद करके बनाई होती है, जल्द आरोपी की पहचान हो जाती है जहां से उस लड़की और उसके परिवार का असली संघर्ष शुरु होता है कि जिस लडकें का चेहरा पीड़िता सारा ( अनस्वरा राजन अभिनेत्री) ने बनाया है कोर्ट में इस बात को सिध्द करना होगा कि वह व्यक्ति ही आरोपी है।
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वह भी तब जिस युवक के ऊपर आरोप लगा है वह मुंबई के एक बेहद ही करोड़पति परिवार का वारिस है जिसकी शादी होम मिनिस्टर की बेटी से होने वाली है। पैसा, पॉवर पहचान सबकुछ आरोपी के फेवर में हैं कोर्ट में सिर्फ जो पीड़िता के फेवर में है वह उसके प्रति सहानभुति जो उसके खिलाफ केस लड़ने वाला वकील राजशेखर (सिद्दकी) खत्म करने में एकप्रकार से कामयाबी भी हासिल कर लेता है लेकिन लड़की के पक्ष में खड़ा है एक प्रैक्टिस छोड़ चुका वकील विजयमोहन (मोहनलाल) जिसका अपने विरोधी वकील राजशेखर और उसकी लड़की पूर्णिंमा (प्रियामणी) के साथ पुराना इतिहास हैं।
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यह कोर्ट रुम ड्रामा आपकों बांधे रखने वाला है फिल्म में होने वाली बहस ख़ासकर कोर्ट रुम के अंदर राजशेखऱ (सिद्दकी) और विजयमोहन (मोहनलाल) के बीच, पूर्णिंमा (प्रियामणी) और विजयमोहन (मोहनलाल) के बीच कानुनी दांव पेच देखने को मिलने वाले है। फिल्म की कहानी और सस्पेंस आपकों प्रभावित करने वाले है। मोहनलाल और सिद्दकी का अभिनय उनके हाव-भाव पसंद आयेगे। एक अंधी और सहमी लेकिन सशक्त लड़की के किरदार में सारा का अभिनय निभाने वाली अभिनेत्री अनस्वरा राजन का अभिनय देखना आंखों को सुकून देता है। फिल्म की पटकथा कहानी अच्छी है। फिल्म का निर्देशन बेहद ही प्रभावशाली रहा, फिल्म के निर्देशक जीतू जोसेफ़ है जिन्होंने पूर्व में ही अपनी अन्य फिल्म दृश्यम से लोगों को प्रभावित किया था।
अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।
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